Oct 1, 2023
रूम
अकेले एक रूम में कुर्सी मेज पर बैठकर UPSC की तैयारी की ऊब से उपजी यह कविता-
दिल्ली आने पर
शुरू-शुरू में
मै चाहता रहा,
सब मेरे रूम पर आए
मै किसी को नहीं बुलाता
न किसी के यहाँ जाता
बस इंतज़ार करता
उस इंतज़ार में रूम को वैसा बनाए रखता
जैसा कोई भी किसी के
आने पर उसे पाना चाहता
साफ़ सुथरा करीने से सजा हुआ
थोड़ा वक़्त बीता,
जब बिना बुलाए
कोई नहीं आया,
तब बुलाने लगा
बुलाने पर भी थोड़ी-बहुत
पहचान वाले भी नहीं आए,
तब एक वक़्त के बाद
यह इच्छा मर गई
मुझे समझ आ गया,
कोई किसी के रूम आना-जाना नहीं चाहता
सब एक-दूसरे को अपने रूम पर बुलाना चाहते हैं|